Skip to main content

Zihaal-e-Miskin Song Lyrics and Download

Zihaal-e-Miskin Song Lyrics and Download 


Yaad Rakhunga Main Yeh
Bewafai Yaar Mere
Sirf Lagi Chahat Mein
Tanhaai Hath Mere

Main Dil Ko Samjha Loonga
Main Dil Ko Samjha Loonga
Tu Khayal Tera Rakhna

Zihaal e Muskin Makun ba Ranjish
Bahale Hijra Bechara Dil Hai

Sunayi Deti Hai Jiski Dhadkan
Tumhara Dil Ya Humara Dil Hai
Sunayi Deti Hai Jiski Dhadkan
Tumhara Dil Ya Humara Dil Hai

Zihale Muskin Makun ba Ranjish
Bahale Hijra Bechara Dil Hai

Sunayi Deti Hai Jiski Dhadkan
Tumhara Dil Ya Humara Dil Hai
Sunayi Deti Hai Jiski Dhadkan
Tumhara Dil Ya Humara Dil Hai

Ho Ho Ho Ho Ho…

Toote Dil Ko Jode Kaise
Yeh Batate Jaao
Zinda Rehne Ki Bas Humko
Ek Wajah De Jaao

Yoon Na Phero Humse
Aankhein Toh Milate Jaao
Koyi Vaada Kar Jaao
Koyi Dua De Jaao

Mere Liye Thodi Si
Mere Liye Thodi Si
Dil Mein Toh Jagah Rakhna

Khushi Tumhari Hai Jab Isi Mein
Toh Hum Bhi Aansu Chupa Hi Lenge
Wajah Jo Puchhega Yeh Zamaana
Koyi Bahana Bana Hi Lenge

Chahe Jo Tu Paye Woh Tu
Yeh Meri Fariyaad Hai
Jee Le Chahe Tum Bin Yaara
Hona Toh Barbaad Hai

Jab Tak Na Mar Jaaye Hum
Uss Pal Ka Intezaar Hai
Itna Hi Tha Kehna

Taqdeer Mein Tera Mera
Taqdeer Mein Tera Mera
Yeh Saath Yahin Tak Tha

Sunayi Deti Hai Jiski Dhadkan
Tumhara Dil Ya Humara Dil Hai
Sunayi Deti Hai Jiski Dhadkan
Tumhara Dil Ya Humara Dil Hai


_____________

Zihaal-e-Miskin Song Lyrics and Download 

ओ.. ओ.. ओ..


जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है

सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है


वो आके पहलू में ऐसे बैठे
वो आके पहलू में ऐसे बैठे
के शाम रंगीन हो गई है
के शाम रंगीन हो गई है
के शाम रंगीन हो गई है


जरा जरा सी खिली तबीयत
जरा सी गमगीन हो गई है
जरा जरा सी खिली तबीयत
जरा सी गमगीन हो गई है


जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है..



कभी कभी शाम ऐसे ढलती है
के जैसे घूँघट उतर रहा है
उतर रहा है
कभी कभी शाम ऐसे ढलती है
के जैसे घूँघट उतर रहा है


तुम्हारे सीने से उठता धुआँ
हमारे दिल से गुजर रहा है
तुम्हारे सीने से उठता धुआँ
हमारे दिल से गुजर रहा है

जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है..


ये शर्म है या हया है
क्या है
नजर उठाते ही झुक गयी है
नजर उठाते ही झुक गयी है



तुम्हारी पलकों से गिरके शबनम
हमारी आँखों में रुक गयी है
तुम्हारी पलकों से गिरके शबनम
हमारी आँखों में रुक गयी है


जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है


Comments